Saturday, February 8, 2025

गुजिया देश की सबसे मशहूर और पारंपरिक मिठाई है,

गुजिया देश की सबसे मशहूर और पारंपरिक मिठाई है,होली पर इसे बनाने की परंपरा सदियों पुरानी है,यह एक मध्यकालीन व्यंजन है, ऐसा माना जाता है कि पहली बार गुजिया को गुड़ और शहद को आटे के पतले खोल में भरकर धूप में सुखाकर बनाया गया था और यह प्राचीन काल की एक स्वादिष्ट मिठाई थी।

गुजिया के इतिहास में ये बात सामने आती है कि इसे सबसे पहली बार उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बनाया गया था और वहीं से ये राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार और अन्य प्रदेशों में प्रचलित हो गई,कई जगह इस बात का जिक्र भी मिलता है कि भारत में समोसे की शुरुआत के साथ ही गुजिया भी भारत आयी और यहां के ख़ास व्यंजनों में से एक बन गयी।

मन्यताओं के अनुसार, फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन बुंदेलखंड के लोगों ने अपने प्रिय भगवान कृष्ण को आटे की लोई को चाशनी में डूबोकर खिलाया था, जो उन्हें काफी पसंद आई थी। तभी से होली के दिन गुजिया बनाने की परंपरा शुरू हो गई।

देशभर में गुजिया को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। बिहार में गुजिया को पेड़किया के नाम से जानते हैं, तो महाराष्ट्र में करंजी और गुजरात में घुगरा के नाम से प्रचलित है।

गुजिया बनाने की विधि इस प्रकार है।
मैदा :- 1/2 किलोग्राम
खोया या मावा :-500 ग्राम
शक्कर:- 20 0 ग्राम
शुद्ध घी:- 1 किलोग्राम
दूध :- एक छोटा कप
4 छोटी इलायची का बारीक पाउडर
काजू,बादाम और सब मिलाकर 100 ग्राम बारीक कटे हुए।

बनाने की विधि:- 1) सबसे पहले कड़ाही को अच्छी तरह से गर्म कर लें ,गर्म होने के बाद उसमें मावा डालकर सुनहरा होने तक भून लें। उसके बाद उसे गैस से उतार कर ठंडा होने के लिए रख दें।

2) शक्कर या चीनी बहुत मोटे दाने वाली है तो मिक्सी में डालकर सूखी बारीक पीस लें।

3) मैदे में करीब करीब 100 ग्राम घी डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें और ये चेक करे कि मैदे को हाथ में लें तो मुट्ठी बनने लगे। बहुत ज्यादा घी भी नहीं डालना है वरना ज्यादा खास्ता हो जाएगा। अब उसमें दूध डालकर सान लें। कम पड़े तो थोड़ा पानी भी डाल सकते हैं। मैदे को मुलायम सानना है ताकि उसमें मावा डालकर मोड़ा जा सके। पर रोटी के आँटे के जितना नहीं।

4) अब मावे में पीसी हुई चीनी ,इलायची पाउडर,बारीक कटी हुई काजू बादाम डालकर अच्छे से मिला लें। 

5) अब मैदे की छोटी छोटी लोई बनाकर रख लें। थोड़े से मैदे में पानी डालकर गाढ़ा घोलकर बनाकर रख लें जो मैदे की पूरी को चारो तरफ से चिपकाने में काम आती है। जिससे छानने के समय मावा बाहर नहीं निकलता है

6) मैदे की लोई को पूरी के आकार का बेल लें।
अगर जरूरत हो तो चकले पर थोड़ा धी डालकर बेल लें अब उसमें मावा का मिश्रण डालकर पूरी के चारो तरफ साइड में मैदे का घोल डाल लें। मावा भरकर उसे मोड़ लें और सााइड से चिपका लें।
ऐसे जोर से दवा देने से ये अच्छी तरह चिपक जाता है। इसके बाद इसे हाथों से मोड़कर कुछ डिजाइन बना लीजिए,
अब सारे लोई में इसी तरह से मावा भरकर गुजिया तैयार कर लें।

7) अब कड़ाही को आँच पर अच्छी तरह से गरम करके उसमें शुद्ध घी डाले ,इतना कि एक साथ तीन से चार गुजिया छाना जा सके। सुनहरा होने तक तल लें। इसी तरह से सारी गुजिया को तल लीजिए, इन सभी सामग्री में 30 से 35 गुझिया बनकर तैयार होंगे जब सभी गुजिया तलकर तैयार हो जाय तो गुजिया को ठंडा होने पर एयर टाइट डिब्बे में भरकर लम्बे समय के लिए रख सकते हैं।

अब इसे होली के शुभ अवसर पर या आपका जब भी मन करें गुजिया बनाकर परिवार वालों के साथ मिलकर खाइए,


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