Wednesday, February 5, 2025

भारतीय ग्रामीण जीवन शैली

ग्रामीण जनसंख्या का घनत्व कम होता है। समान प्रस्थिति वाले लोग एक साथ रहकर पड़ोस का निर्माण करते हैं तथा एक सामाजिक दूरी बनाकर रखते हैं। एक प्रमुख जनसंख्या कृषि में सलंग्न रहती है। इसके अलावा ग्रामीण समाज में अन्य समूह होते हैं जिनका मुख्य व्यवसाय शिल्पगत होता है। भारत में प्रारम्भिक ग्रामीण अध्ययन कर्ताओं में गिलबर्ट स्लेटर, हैराल्ड एच० मैन तथा चार्ज ग्रियर्सन के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है इनके वि वसनीय अध्ययनों के कारण ही इन्हें भारतीय ग्रामीण का जन्मदाता माना जाता है। ग्रामीण समाज , वह समाज जिसमें खुली भूमि पर निवासियों का अनुपात कम है और जिसमें सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियाँ खाद्य पदार्थों, रेशों और कच्चे माल का उत्पादन हैं। भारतीय गाँवों में बेरोज़गारी, अशिक्षा, अंधकार, पानी, बिजली, आवास, अंधविश्वास, सड़क, सिंचाई आदि-आदि कई समस्यायें किसी से छुपी नहीं है। उद्योग धंधों की कमी के कारण, गाँव के लोग रोज़गार के लिए मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर हैं। भारत की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण इलाको मे रहती है । यहा रहने वालो की एक विशेष संस्कृति होती जो ग्रामीण संस्कृति कहलाती है । गाँव मे रहने वाले अधिकांश लोग साधारण किसान या श्रमिक होते है और उनके जीवन यापन का साधन कृषि होता है इसलिए ग्रामीण संस्कृति , खेती –किसानी से प्रभावित होती है । जाति-भेद के आधार पर ही ग्रामीण क्षेत्रों में पारिवारिक तथा सामाजिक जीवन की प्रणालियों, व्यक्ति के निवास-स्थान तथा सांस्कृतिक प्रतिमानों का निर्धारण होता है। यहाँ भू-स्वामित्व की प्रकृति भी जानी जाती है। विभाजन पर ही आधारित है। ग्रामीण क्षेत्र में अनेक कारणवश प्रायः प्रशासकीय कार्य भी जातीय आधार पर विभाजित होता है इसका तात्पर्य है कि भारत में ग्रामीण सामाजिक संरचना का अध्ययन उन सामान्य विशेषताओं के आधार पर किया जाना चाहिए जो सभी क्षेत्रों में बहुत कुछ समान रूप से देखने को मिलती हैं। कुंजीभूत शब्द- ग्रामीण सामाजिक संरचना, परिवार, नातेदारी, धर्म, जाति, शिक्षा, सत्ता, अर्थ व्यवस्था, मूल्य-व्यवस्था, आत्मनिर्भर । ग्रामीण भारत में देश की लगभग 65 प्रतिशत आबादी रहती है। भारतीय रिजर्व बैंक ग्रामीण क्षेत्रों को ऐसे क्षेत्र के रूप में परिभाषित करता है, जिसकी जनसंख्या 49,000 से कम है। कृषि को आधार मानकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था भारत के आर्थिक विकास इंजन में महत्वपूर्ण योगदान देती है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा 107,753 गाँव हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 44,198 गाँव हैं और पश्चिम बंगाल में 40,996 गाँव हैं। मुझे उम्मीद है कि आपको यह पसंद आएगा! गहमर गहमर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले का एक गाँव है। यह गावं अरूणाचल प्रदेश राज्य में स्थित है जिसे 'हा' नाम से जाना जाता है। यह गांव अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमेय जिले के लॉन्गडिंग कोलिंग (पिप्सोरांग) सर्कल में आता है। साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार यहां 58 परिवार रहते हैं जिनकी कुल जनसंख्या 289 है। जनगणना के मुताबिक, इस गांव में 138 पुरुष और 151 महिलाएं रहती हैं। भारत में कुल गाँवों की संख्या समय-समय पर बदलती रहती है, क्योंकि जनगणना और प्रशासनिक पुनर्गठन के कारण गाँवों की संख्या में बदलाव होते हैं। भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 6,40,000 गाँव थे। हालांकि, 2023 में यह संख्या बढ़कर 6,50,000 से अधिक हो गई है।सारांश: भारत के उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित माणा गांव का उल्लेखनीय रूप से पुनः नामकरण किया गया है। भारत-तिब्बत सीमा से निकटता के कारण इसे पहले "भारत का अंतिम गांव" कहा जाता था, लेकिन अब इसे "पहला भारतीय गांव" कहा जाता है।

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