Saturday, February 8, 2025

सेंधा नमक

आजकल जब किडनी खराब हो जाती है तो डायलिसिस किया जाता है, जिसमें रक्त परिवर्तन किया जाता है। यह महंगा और कष्टकारी होता है।

क्रिएटिनिन का स्तर 0.6 से 1.3 के बीच होना चाहिए। अगर यह स्तर बाहर होता है, तो किडनी फेलियर, फंक्शन ठीक नहीं होना, रक्त परिवर्तन या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है।
इस पर कई लाख रुपये खर्च हो सकते हैं और दर्द और परेशानी हो सकती है। इसे ठीक करने का एक आसान तरीका है।
स्थानीय हर्बल दवाओं की दुकान पर जाएं और सेंधा नमक पिंक वाला) पूछें। यह केवल 60 या 80 रुपये प्रति किलोग्राम मिलेगा। 
इस नमक का उपयोग करके घर में तीन बार खाना बनाकर खाएं। 15 दिनों में, या अधिकतम 30 दिनों में, आपकी किडनी सामान्य स्थिति में लौट आएगी।
इसके बाद, आप अपना क्रिएटिनिन स्तर जांच सकते हैं, और यह सही स्तर पर होगा।

👉क्या इस नमक से बना खाना केवल रोगी को खाना चाहिए ??
कोई भी इसे खा सकता है, एक साल के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक।

👉 सेंधा नमक क्या है ?
यह एक नमक है जो हिमालय की वर्षा क्षेत्र से चट्टानों से निकाला जाता है। इसे हिमालयन रॉक सॉल्ट भी कहा जाता है। आप गूगल में “Himalayan rock salt” टाइप करके इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस नमक में शरीर के लिए 80 खनिज होते हैं।

👉क्या यह नमक अन्य बीमारियों के लिए फायदेमंद है ?
हां, यह थायरॉयड समस्याओं, दांतों की समस्याओं जैसे दांतों की सड़न, मुँह के छाले और बवासीर के इलाज में मदद करता है। 
अगर आपको बवासीर की समस्या है, तो लाल मिर्च से बचें और हरी मिर्च के साथ इसे इस्तेमाल करें और साधारण नमक से बचें।

कई लोग डॉक्टरों द्वारा दी गई दवाइयों को बिना सवाल किए खाते हैं, लेकिन जब इस नमक को बाजार से खरीदकर खाने की बात आती है, तो वे संदेह करते हैं। हालांकि, इस नमक के बारे में आयुर्वेद विशेषज्ञ और प्रोफेसर एस. स्वामीनाथन ने डिनामनी रविवार के अंक में एक लेख लिखा है, लेख इस नमक की सिफारिश करता है।

आयुर्वेद के अनुसार, मानव उपयोग के लिए सेंधा नमक सबसे अच्छा है। सेंधा नमक का स्वाद थोड़ा होता है। यह पुरुषत्व को बढ़ाता है। यह मन के लिए अच्छा है। यह वात, पित्त, और कफ को संतुलित करता है। इसमें हल्की गर्मी होती है।
जब आप समुद्री नमक खाते हैं, तो यह अंत में मीठा हो जाता है, लेकिन सेंधा नमक में ऐसा नहीं होता। यह समुद्री नमक से होने वाली क्षति को भी रोकता है। इसलिए, आप भोजन में सेंधा नमक का उपयोग करें।

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स्वादिष्ट सत्तू परांठा रेसिपी

स्वादिष्ट सत्तू परांठा रेसिपी 👇 👇 👇 
सत्तू के परांठे न केवल स्वादिष्ट होते हैं,बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं।

👉सत्तू भूनें चने के आटे से बनता है, जो प्रोटीन, फाइबर, और मिनरल्स से भरपूर होता है। यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ मेटाबोलिज़्म को बढ़ावा देता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है।

👉सत्तू को ठंडा रखने वाला माना जाता है, इसलिए गर्मी के मौसम में यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।

👉सत्तू में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है। यह वजन घटाने में मदद करता है क्योंकि यह भूख को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

👉 सत्तू में प्रोटीन और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह कब्ज और गैस की समस्या को भी कम करता है।

👉सत्तू के परांठे शरीर को तत्काल ऊर्जा देने का काम करते हैं, जिससे आपको दिनभर की गतिविधियों के लिए ताकत मिलती है।

सत्तू परांठे बनाने की विधि 👇 👇 👇 👇 👇 👇 
सत्तू के परांठे को आप अपने पसंदीदा मसालों और हरे धनिये, हरी मिर्च, और अदरक के साथ तैयार कर सकते हैं, जिससे इसमें स्वाद की विविधता बनी रहती है।
सत्तू के परांठे बनाने के लिए गेहूं के आटे को गूंथकर सूती कपड़े से ढक दीजिए।

अब चने के सत्तू में बारीक कटा हुआ प्याज,हरी मिर्च, अदरक, लहसुन,हरा धनिया, डालें और अजवाइन, मंग्रेल, नींबू रस, सरसों तेल और नमक डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। 

अब गुथे हुए आटे से छोटे गोले बनाकर,गोले में बनायें सत्तू भरकर अच्छे से बंद कर लें और बेलन से बेल लें। तवे पर तेल लगाकर परांठे को दोनों ओर सुनहरा और कुरकुरा होने तक सेंक लें। गरमा-गरम परांठे चोखा, रायता,दही या अचार के साथ परोसें।

कुल मिलाकर, सत्तू के परांठे न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, बल्कि इनका स्वाद भी अनोखा और दिलचस्प होता है।